PM PRANAM Yojana 2023: जैसा कि हम जानते हैं कि किसानों द्वारा फसलों को उगाने के लिए भारी मात्रा में रासायनिक उर्वरकों का उपयोग किया जाता है, इसके साथ ही इन रासायनिक उर्वरकों के लिए सरकार द्वारा बड़े पैमाने पर सब्सिडी भी दी जाती है। इस तरह इसके दो नुकसान होते हैं, पहला रासायनिक खाद से तैयार फसलें स्वास्थ्य की दृष्टि से बिल्कुल भी ठीक नहीं होती हैं, यह हमारे शरीर को बहुत नुकसान पहुंचाती हैं। दूसरा, सरकार द्वारा बड़े पैमाने पर सब्सिडी दी जा रही थी, जिससे सरकार के खजाने पर बोझ बढ़ रहा है।
केंद्र सरकार किसानों द्वारा अपनी फसल उगाने में इस्तेमाल होने वाले इन उर्वरकों का विकल्प तलाश रही है। शीर्ष मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, केंद्र सरकार इसके लिए PM PRANAM YOJANA (जिसका पूरा नाम PM Promotion of Alternate Nutrients for Agriculture Management है) ला रही है। केंद्र सरकार की तरफ से इसके लिए राज्यों से सुझाव भी मांगे जा रहे हैं। इस योजना को शुरू करने के पीछे सरकार के दो मुख्य उद्देश्य हैं पहला फसलों के उत्पादन में रासायनिक उर्वरकों के उपयोग को कम करना और दूसरा सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी की लागत को कम करना है।
इस बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक ऐसी योजना की शुरुआत की है, जिसका फायदा किसान और आम आदमी दोनों को होगा। भूमि सुधार और वैकल्पिक उर्वरकों को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री प्रणाम योजना (PM PRANAM Scheme) शुरू की गई है।
इस योजना का उद्देश्य कृषि में रासायनिक खाद के प्रयोग को कम करना है। एक तरफ कम रसायनों वाले उर्वरकों से जमीन की गुणवत्ता में सुधार होगा। वहीं दूसरी ओर कम रासायनिक खाद्य पदार्थों का सेवन कर लोगों को स्वस्थ जीवन जीने का मौका मिलेगा।
क्या है PM PRANAM YOJANA 2023
कृषि में रासायनिक उर्वरकों के बढ़ते उपयोग और सब्सिडी के बढ़ते बोझ को देखते हुए केंद्र सरकार द्वारा पीएम प्रणाम योजना जल्द ही शुरू की जा सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, केंद्र ने राज्यों से पीएम प्रणाम योजना के लिए सुझाव भी मांगे हैं। केंद्रीय उर्वरक मंत्रालय के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में 2.25 लाख करोड़ की सब्सिडी दी जाएगी, यह आंकड़ा भी पिछले वित्त वर्ष से 39 फीसदी अधिक है। पिछले वित्त वर्ष में सरकार ने कुल 1.62 लाख करोड़ रुपये सब्सिडी पर खर्च किए थे। यह योजना मुख्य रूप से इसी खर्च को कम करने के लिए लाई जा रही है।
शीर्ष मीडिया रिपोर्ट (Indian Express) के अनुसार, सरकार योजना बना रही है कि इस योजना के लिए सरकार की ओर से अलग से कोई बजट प्रावधान नहीं किया जाएगा। बल्कि सब्सिडी में खर्च होने वाली बचत की 50 फीसदी राशि राज्यों को अनुदान के रूप में दी जाएगी। केंद्र सरकार से राज्य सरकार को मिलने वाले इस अनुदान का 70% गांव, ब्लॉक और जिला स्तर पर रासायनिक उर्वरकों के वैकल्पिक उर्वरकों के निर्माण के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। जबकि शेष 30 प्रतिशत अनुदान ऐसे किसानों, कृषक उत्पादक संगठनों, स्वयं सहायता समूहों, पंचायतों आदि को पुरस्कार एवं प्रोत्साहन के रूप में दिया जायेगा, जिन्होंने रासायनिक खाद का प्रयोग नहीं किया है, या प्रयोग पूरी तरह बंद कर दिया है।
Short Details of PM PRANAM Yojana 2023
प्रस्तावित योजना | पीएम प्रणाम योजना 2023 |
किसने शुरू की | केंद्र सरकार द्वारा |
उद्देश्य | रासायनिक उर्वरकों के कम उपयोग के लिए किसानों को प्रोत्साहित करना और केंद्र सरकार के सब्सिडी बोझ को कम करना। |
लाभार्थी | केंद्र सरकार व देश के किसान। |
संबंधित विभाग | उर्वरक विभाग |
साल | 2023 |
अधिकारिक वेबसाइट | शीघ्र जारी की जाएगी। |
पीएम प्रणाम योजना 2023 के उद्देश्य
PM PRANAM Yojana का उद्देश्य केंद्र सरकार से सब्सिडी के बोझ को कम करना है और किसानों को अपनी फसल उत्पादन के लिए उपयोग किए जाने वाले रासायनिक उर्वरक को कम करने के लिए प्रोत्साहित करना है। यह ध्यान देने योग्य है कि केंद्र सरकार को हर साल किसानों को रासायनिक उर्वरकों को खरीदने के लिए सब्सिडी दी जाती है। केंद्रीय उर्वरक मंत्रालय के अनुसार, यह पिछले वित्तीय वर्ष में 1.62 लाख करोड़ था, जो इस वर्ष 39% बढ़कर 39% बढ़कर लगभग 2.25 लाख करोड़ हो गया।
यह एक बहुत बड़ी राशि है, इस आइटम में सरकार द्वारा जितनी पैसा खर्च किया जा रहा है, इसका लाभ किसानों तक नहीं पहुंच रहा है। इसके अलावा, इन उर्वरकों से उगाई गई फसल हमारे स्वास्थ्य के लिए सही नहीं है। लेकिन अगर सरकार की यह नई योजना सफल होती है, तो इसे भविष्य में कहीं देखा जा सकता है।
- सरकारी सब्सिडी की दावत को कम करना।
- किसानों द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे उर्वरक को कम करने के लिए प्रोत्साहित करना।
सब्सिडी का बोझ होगा कम
इस योजना का उद्देश्य रासायनिक उर्वरकों पर सब्सिडी बोझ को कम करना भी है। इसके लिए, स्थायी कृषि प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देकर रासायनिक उर्वरकों के उपयोग को कम करने के लिए एक योजना पर काम किया जा रहा है। इसके तहत, यह पिछले वर्ष के 1.62 लाख करोड़ रुपये से 2022-2023 में 39% बढ़कर 2.25 लाख करोड़ रुपये बढ़ने की उम्मीद है।
पीएम प्रणाम योजना 2023 का संचालन कैसे होगा?
- केंद्र सरकार पीएम प्रणाम योजना के लिए एक अलग बजट नहीं बनाया जाएगा, लेकिन वर्तमान उर्वरक योजना से की गई बचत का 50 प्रतिशत राज्यों को सब्सिडी के रूप में दिया जाएगा।
- केंद्र से राज्यों द्वारा प्राप्त 70 प्रतिशत सब्सिडी को ग्राम और जिला स्तर पर वैकल्पिक रासायनिक उर्वरक के वैकल्पिक स्रोतों और तकनीकों पर खर्च किया जाएगा।
- शेष 30 प्रतिशत राशि राज्यों द्वारा स्व -हॉलप समूहों, किसान उत्पादन संगठनों और किसानों के रूप में दी जाएगी, जो रासायनिक उर्वरकों के कम उपयोग के लिए प्रोत्साहन के लिए और पुरस्कार के रूप में। इसके अलावा, लोगों के बीच जागरूकता फैलाने में भी इसकी राशि होगी।
PM PRANAM Yojana 2023 के लाभ तथा विशेषताएं
- PM PRANAM Yojana का लाभ सीधे केंद्र सरकार द्वारा देश के सभी किसानों को प्रदान किया जाएगा।
- इस योजना को लॉन्च करने का मुख्य उद्देश्य बढ़ती सब्सिडी के बोझ को हल्का करना है।
- केंद्रीय मंत्री द्वारा यह सूचित किया गया है कि यह सब्सिडी का बोझ वर्ष 2022-23 में 2.25 लाख करोड़ रुपये पार करने की उम्मीद है। जो पिछले साल के आंकड़े से 39% अधिक होगा।
- आज के समय में, देश के किसानों द्वारा रासायनिक उर्वरकों का उपयोग बढ़ रहा है, इसलिए इन सभी को देखते हुए, प्रधानमंत्री प्रणाम योजना को सब्सिडी के बोझ को हल्का करने और रासायनिक उपयोग को कम करने के उद्देश्य से शुरू किया गया है।
- PM PRANAM Yojana के तहत, राज्य सरकार तकनीकी गोद लेने से संबंधित संपत्ति के निर्माण के लिए जिला स्तर पर गांव ब्लॉक, वैकल्पिक उर्वरक और वैकल्पिक उर्वरक उत्पादन इकाइयों को प्रदान करेगी।
- उर्वरक विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के तहत, सब्सिडी बचाने के लिए वर्तमान उर्वरक को वित्त पोषित किया जाएगा।
- केंद्रीय रसायन मंत्रालय और उर्वरकों के शीर्ष अधिकारियों, जिन्होंने योजना पर विचार किया है, ने 7 सितंबर को राज्य सरकार के अधिकारियों का आयोजन किया है।
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भारत ने वर्तमान में उपयोग किए गए उर्वरकों की स्तिथि
- वर्ष 2020-21 में 2020-21 सब्सिडी पर केंद्र सरकार द्वारा कुल 1.62 करोड़ खर्च किए गए, जबकि वर्ष 2022 में यह 25 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो सकता है।
- वर्ष 2022-21-यूरिया डाई अमोनियम फॉस्फेट नाइट्रोजन और एमओपी 2017-18 में केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2022-21 में कुल आवश्यकता 528 मीट्रिक टन थी।
देश में वैकल्पिक उर्वरकों को प्रोत्साहन देने के लिए 'पीएम प्रणाम' योजना की शुरुआत की जाएगी।
गोबर धन योजना के अंतर्गत 500 नए संयंत्रों की स्थापना की जाएगी।
– श्रीमती @nsitharaman#AmritKaalBudget pic.twitter.com/B1FE94RpNI
— BJP (@BJP4India) February 1, 2023
पीएम प्रणाम योजना 2023 के हैं कई फायदे
पीएम प्रणाम योजना 2023 को भारत में एक करोड़ से अधिक किसानों को लाभ होने की उम्मीद है।
- यह वैकल्पिक पोषक तत्वों और उर्वरकों के उपयोग को प्रोत्साहित करता है, जिसमें प्राकृतिक पोषक तत्व शामिल हैं।
- रासायनिक उर्वरक के उपयोग को कम करने से मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार होगा।
- भारत में कृषि उपज और उत्पादकता में वृद्धि करता है।
- संपीड़ित बायो गैस के उपयोग को भी बढ़ावा दिया जाएगा, जो कचरे को कम करने और स्वच्छ ऊर्जा का उत्पादन करने में मदद करेगा।
How to Apply PM PRANAM Yojana?
हमारे सभी किसान और आम नागरिक जो प्रधानमंत्री प्रणाम योजना में आवेदन करना चाहते हैं, उन्हें कुछ समय तक इंतजार करना होगा। क्योंकि केवल इस योजना की घोषणा केवल केवल की गई है, लेकिन जल्द ही आवेदन प्रक्रिया योजना के तहत शुरू की जाएगी। हम आपको पूरी विस्तृत जानकारी प्रदान करेंगे ताकि आप आसानी से इस योजना में आवेदन कर सकें और पीएम प्रणाम योजना का लाभ प्राप्त कर सकें।
सारांश
देश के सभी किसानों को समर्पित इस लेख में, हमने आप सभी किसानों और आम नागरिकों को केवल पीएम प्रणाम योजना के बारे में नहीं बताया। इसके बजाय, हमने आपको इस योजना के तहत प्राप्त सभी आकर्षक लाभों और सुविधाओं के बारे में बताया। ताकि आप इस योजना का पूरा लाभ प्राप्त करके अपने सतत विकास को सुनिश्चित कर सकें।
लेख के अंत में, हम आशा करते हैं कि आप सभी किसानों और पाठकों ने इस लेख को बहुत पसंद किया है। जिसके लिए आप हमारे लेख को पसंद करेंगे, साझा करें और टिप्पणी करेंगे।
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FAQs about PM PRANAM Yojana 2023
PM PRANAM YOJANA क्या है?
पीएम प्रणम योजना के तहत, किसानों के भूमि सुधार, जागरूकता और पोषण को बढ़ावा देने के लिए एक कार्यक्रम चलाया जाना है।
पीएम प्रणाम योजना कब शुरू हुई?
पीएम प्रणाम योजना को बजट 2023-24 के तहत लॉन्च किया गया था।
पीएम प्रणाम योजना से संबंधित कौन है?
पीएम प्रणाम योजना किसानों को केंद्र सरकार द्वारा प्रदान की गई रासायनिक उर्वरक सब्सिडी से संबंधित है।
पीएम प्रणाम योजना का लाभ क्या है?
केंद्र सरकार को रासायनिक खरीद के लिए हर साल केंद्र सरकार द्वारा दी गई एक बड़ी राशि को कम करना पड़ता है और किसानों को अपनी फसलों को उगाने के लिए रासायनिक उर्वरक के वैकल्पिक स्रोत की खोज करनी होती है।