What is Salary Account in Hindi: दोस्तों अगर आप किसी बैंक में लोन या क्रेडिट (loan or credit) के लिए अप्लाई (apply) करते हैं तो आपसे सैलरी अकाउंट (salary account) या इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) की डिटेल मांगी जाती है। इनकम टैक्स रिटर्न (income tax return) की जानकारी भी हम आगे आने वाले आर्टिकल्स में आपको देने वाले हैं। इस लेख में हम जानेंगे सैलरी अकाउंट क्या है? यह बैंक खाते से कैसे अलग है? इसके बाद हम यह भी जानेंगे कि सैलरी अकाउंट के क्या फायदे (benefits) हैं? इत्यादि।
सैलरी अकाउंट क्या होता है? (What is salary Account?)
सैलरी अकाउंट (Salary account) एक ऐसा बैंक अकाउंट (bank account) है, जिसमें हर महीने आपकी सैलरी (salary) आती है। सैलरी अकाउंट खुलवाने के लिए आपको अपनी कंपनी या संस्था से एक अथॉरिटी लेटर या परमिशन लेटर (authority letter or permission letter) की जरूरत होती है।
सैलरी अकाउंट कैसे काम करता है? (How does Salary Account work?)
दरअसल, कोई भी कंपनी या संस्थान (institution) अपने कर्मचारियों का सैलरी अकाउंट (salary account) खुलवाने के लिए बैंक से एग्रीमेंट या टाई-अप (agreement or tie-up) करती है। उस बैंक में उस कंपनी का खाता भी खुला होता है। हर महीने वह अपने खाते से पैसे काटकर (deducts) सभी कर्मचारियों का वेतन (salary) जमा करने के लिए भेज देता है।
बैंक उस कंपनी के निर्देशानुसार कर्मचारियों (employees) के वेतन खाते में वेतन का स्थानांतरण (transfers) करता है। यही कारण है कि किसी भी व्यक्ति की ओर से वेतन खाता स्वतंत्र रूप से नहीं खोला जा सकता है। इसके लिए उस संस्था की अनुमति या सहमति पत्र (permission or consent letter) जारी करना जरूरी है।
सैलरी अकाउंट (Salary Account) नॉर्मल अकाउंट (Normal Account) से अलग कैसे होता है?
वैसे तो सैलरी अकाउंट (salary account) भी मूल रूप से सेविंग अकाउंट (savings account) का ही एक प्रकार है। इसमें भी सेविंग अकाउंट की तरह एटीएम, पासबुक, चेक बुक, नेटबैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग (ATM, passbook, check book, netbanking, mobile banking) आदि जैसी सुविधाएं मिलती हैं। इसमें भी आप अपनी सुविधानुसार पैसे जमा और निकाल (deposit and withdraw) सकते हैं।
फर्क सिर्फ इतना है कि सैलरी अकाउंट खुलवाने के लिए आपको कहीं नौकरी करनी होगी और उस कंपनी की सिफारिश पर ही आपका सैलरी अकाउंट खुल सकता है। इसके अलावा सामान्य बचत खाते में मिनिमम बैलेंस या मिनिमम एवरेज बैलेंस (minimum balance or minimum average balance) आदि की भी पाबंदियां होती हैं, जो सैलरी अकाउंट में नहीं रहतीं।
सैलरी अकाउंट के फायदे | Benefits of a Salary Account
सैलरी अकाउंट (salary account) होने से आपको निम्न लाभ मिलते हैं-
तुरंत (Fast) और सुरक्षित वेतन अंतरण (secure salary transfer)
सैलरी अकाउंट होने से आपकी सैलरी का पैसा अपने आप आपके अकाउंट में ट्रांसफर हो जाता है। आपको कई स्तरों पर कंपनी के अधिकारियों या कर्मचारियों के हस्ताक्षर और सत्यापन की आवश्यकता नहीं है। चेक या कैश मिलने पर इसे जमा करने के लिए बैंक जाने की जरूरत नहीं है। हर बार ऑनलाइन आपका पैसा आपके Salary Account में भेजा जाता है। आप इसे निकाल सकते हैं और अपनी इच्छा के अनुसार इसे खर्च कर सकते हैं।
खाता खुलवाने के लिए किसी पैसे की जरूरत नहीं है
वेतन खाता (salary account) खोलने के लिए आपको कोई पैसा जमा (deposit) करने की आवश्यकता नहीं है। बाद में भी आपको अपने Salary Account में कोई बैलेंस रखने की जरूरत नहीं है। क्योंकि यह जीरो मिनिमम बैलेंस (zero minimum balance) वाला खाता है। अगर आपके अकाउंट में बैलेंस या एवरेज बैलेंस नहीं है तो भी कोई पेनाल्टी (penalty) लागू नहीं होगी।
नि:शुल्क पासबुक, एटीएम कार्ड, चेक बुक सुविधा
सैलरी अकाउंट के साथ भी आपको passbook और ATM card (debit card) फ्री मिलता है। एक निश्चित संख्या में निःशुल्क चेकबुक भी उपलब्ध हैं। इनकी मदद से आप जब चाहें पैसे निकाल सकते हैं और जब चाहें जमा कर सकते हैं। सेविंग्स अकाउंट (savings account) की तरह इसमें भी आप अपनी सेविंग्स जमा कर सकते हैं।
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ऑनलाइन बैंकिंग (Online banking) और ट्रांसफर (Online banking) की सुविधा
सैलरी अकाउंट (salary account) के साथ आपको नेट बैंकिंग, फोन बैंकिंग, आधार बैंकिंग आदि की सुविधाएं भी मिलती हैं। इनकी मदद से आप कभी भी ऑनलाइन पेमेंट या मनी ट्रांसफर (online payment or money transfer) कर सकते हैं। बिजनेस स्टोर्स या ऑनलाइन शॉपिंग कंपनियों से शॉपिंग कर सकते हैं। रीचार्ज या बिल पेमेंट कर सकते हैं।
ऋण और क्रेडिट कार्ड (loans and credit cards) के लिए आसान पहुँच
सैलरी अकाउंट का सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि बैंक और वित्तीय संस्थान सैलरी अकाउंट होल्डर्स को आसानी से लोन दे देते हैं। पर्सनल लोन, कार लोन, होम लोन या अन्य कोई भी लोन आसानी से मंजूर हो जाता है। सत्यापन प्रक्रिया और दस्तावेज़ीकरण प्रक्रिया भी उनके लिए आसान हो जाती है। क्योंकि सैलरी अकाउंट और स्टेटमेंट (statement) आपकी इनकम का ऑथेंटिक दस्तावेज (authentic document) होता है। सैलरी खाताधारकों को लोन की ब्याज दर में भी कुछ छूट मिलती है।
सैलरी अकाउंट के डिपॉजिट (deposit) पर ब्याज भी मिलता है।
सैलरी अकाउंट (salary account) में आपके डिपॉजिट (deposits) पर आपको ब्याज (interest) भी मिलता है। इसकी ब्याज दर सेविंग अकाउंट (saving account) की तरह ही होती है। ब्याज आपके खाते में दैनिक शेष राशि के अनुसार जोड़ा जाता है और तिमाही में आपके खाते में जमा किया जाता है। सेविंग अकाउंट के ब्याज पर भी टैक्स छूट मिलती है।
ऑटो स्वीप (auto sweep) सुविधा से आप अधिक ब्याज कमा सकते हैं
आप अपने सैलरी अकाउंट के साथ ऑटो स्वीप सुविधा (sweep facility) जोड़कर अधिक ब्याज प्राप्त कर सकते हैं। इसमें एक लिमिट से ज्यादा जमा पैसे पर आपको FD account के बराबर ब्याज मिलता है। उदाहरण के लिए, SBI में खाता होने पर, जब आप 35,000 रुपये से अधिक की जमा राशि तक पहुँचते हैं, तो आपका अतिरिक्त पैसा स्वचालित रूप से फिक्स्ड डिपॉजिट (fixed deposit) में पहुँच जाता है। उस पर ब्याज भी फिक्स्ड डिपॉजिट में जुड़ने लगता है। जब अकाउंट बैलेंस 35,000 रुपये से कम होता है तो फिक्स्ड डिपॉजिट का पैसा अपने आप सामान्य सेविंग्स अकाउंट का हिस्सा बन जाता है।
सेविंग्स प्लान और इन्वेस्टमेंट अकाउंट को लिंक कर सकते हैं
सेविंग अकाउंट की तरह आप अपने सैलरी अकाउंट के जरिए भी डीमैट अकाउंट (demat account) खोल सकते हैं। आप म्युचुअल फंड (mutual fund), सरकारी बॉन्ड (government bond) आदि में निवेश कर सकते हैं। आप स्टॉक निवेश और ट्रेडिंग (trading) के लिए अपने वेतन खाते को भी लिंक कर सकते हैं। इसी तरह सरकारी बचत योजनाओं जैसे Public Provident Fund (PPF) खाता, सुकन्या समृद्धि योजना आदि के खाते खोले जा सकते हैं और वेतन खाते से लिंक किया जा सकता है। बीमा पॉलिसी (insurance policy) ले सकते हैं और उसे लिंक करा सकते हैं।
ओवरड्राफ्ट (Overdraft) की सुविधा भी उपलब्ध है
कई बैंक अपने पुराने सैलरी अकाउंट वाले ग्राहकों को भी ओवरड्राफ्ट (overdraft) की सुविधा देते हैं। यह सुविधा कम से कम 6 महीने तक लगातार वेतन ट्रांसफर वाले खातों में ही जोड़ी जाती है। ओवरड्राफ्ट सुविधा मिलने पर आपके खाते में पैसा नहीं होने पर भी आप कुछ पैसे निकाल सकते हैं। यह एक छोटे से कर्ज की तरह होता है, जिसे निर्धारित तिथि के भीतर जमा करना होता है।
SBI Gold या उससे ऊपर की कैटेगरी में सैलरी अकाउंट होल्डर्स को 2 महीने की सैलरी तक ओवरड्राफ्ट (overdraft) की सुविधा देता है। ओवरड्राफ्ट से आपके द्वारा निकाली गई राशि पर ही ब्याज का भुगतान करना होगा। जिसे अगले 6 माह के अंदर जमा करना होगा।
लॉकर की फीस माफ की जाती है
कुछ बैंक अपने सैलरी अकाउंट ग्राहकों को लॉकर खोलने पर डिस्काउंट (discount) भी देते हैं। उदाहरण के लिए, SBI salary account holders को लॉकर खोलने पर सालाना लॉकर रेंटल पर 25% की छूट देता है.
दुर्घटना बीमा / हवाई दुर्घटना बीमा
वेतन खाताधारकों को बैंक पूरक दुर्घटना बीमा और हवाई दुर्घटना बीमा की सुविधा भी देते हैं। उदाहरण के लिए, एसबीआई बैंक अपने वेतन खाताधारकों को 20 लाख रुपये तक का कॉम्प्लिमेंटरी पर्सनल एक्सीडेंट इंश्योरेंस (death) कवर देता है। और 30 लाख रुपये तक का कॉम्प्लीमेंटरी एयर एक्सीडेंट इंश्योरेंस (death) कवर देता है।
सैलरी अकाउंट कैसे खोला जाता है? (How to open Salary Account)
किसी कंपनी में नौकरी मिलने पर वहां का HR department आपसे सैलरी अकाउंट खोलने को कहता है। यह खाता उसी बैंक में खोलने को कहता है, जिससे यह जुड़ा है। इसके लिए आपके नियुक्ति पत्र या सिफारिश पत्र (appointment letter or recommendation letter) की एक प्रति भी दी जाती है। कंपनी द्वारा दिए गए दस्तावेजों के साथ आपको अपने KYC दस्तावेज (फोटो, पहचान प्रमाण, पता प्रमाण आदि) लेकर उस बैंक की शाखा में जाना होगा।
वहां आपको एक सामान्य बैंक खाता खोलने जैसा फॉर्म भरना होता है और अपने दस्तावेजों की प्रतियां चिपकाकर जमा करना होता है। इसके साथ ही आपका सैलरी अकाउंट खुल जाता है। कई बड़े बैंक आपको तुरंत वेलकम किट (welcome kit) भी दे देते हैं, जिसमें आपको अकाउंट नंबर, चेक बुक और डेबिट कार्ड आदि दिए जाते हैं।
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FAQs about What is Salary Account
क्या नौकरी बदलने के बाद भी salary account चालू रखा जा सकता है?
हाँ, अगर नई कंपनी का भी उस बैंक में account है तो ऐसा किया जा सकता है। आप नई नौकरी (job) में भी अपने पिछले जॉब सैलरी अकाउंट (salary account) को जारी रख सकते हैं। लेकिन, इसके लिए आपको अपनी नई कंपनी या संस्था को सूचित करना होगा। उन्हें अपने पुराने वेतन खाते का विवरण देना होगा ताकि वे आपका वेतन उसी खाते में स्थानांतरित कर सकें। वहीं दूसरी तरफ आपको अपनी नई कंपनी या संस्था के बारे में अपनी बैंक शाखा को भी जानकारी देनी होगी।
क्या होता है यदि वेतन खाते में वेतन का स्थानांतरण रोक दिया जाता है?
अगर लगातार 3 महीने तक आपके वेतन खाते में वेतन नहीं जाता है तो बैंक आपके वेतन खाते को सामान्य बचत खाते में बदल देता है। मिनिमम बैलेंस आदि के लिए शुल्क भी सामान्य बचत खाते की तरह ही लागू होते हैं। हालांकि, कुछ बैंक आपकी कंपनी के साथ समझौता होने तक वेतन खाता खुला रखते हैं।
क्या पहले से खोले गए saving account को salary account में परिवर्तित किया जा सकता है?
अगर आपकी कंपनी का बैंक खाता भी उस बैंक में मौजूद है तो आपकी कंपनी आपको अपने बचत खाते को वेतन खाते में बदलने की अनुमति दे सकती है।
सैलरी अकाउंट का क्या है नियम?
सैलरी अकाउंट वह अकाउंट होता है, जिसमें आपकी सैलरी क्रेडिट होती है। आम तौर पर बैंक इन खातों को निगमों और बड़ी कंपनियों के अनुरोध पर खोलते हैं। कंपनी के प्रत्येक कर्मचारी का अपना वेतन खाता होता है, जिसे उन्हें स्वयं संचालित करना होता है।
क्या सैलरी अकाउंट टैक्सेबल है?
हां, अगर राशि 50,000 रुपये से अधिक है, तो यह कर योग्य होगा।