Nipun Bharat Mission 2023: निपुन भारत कार्यक्रम 5 जुलाई, 2021 को केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री रमेश पोखरियाल द्वारा शुरू किया गया था। निपुन भारत कार्यक्रम का पूरा नाम Proficiency in Reading with Understanding and Numeracy Bharat Programme है। इसे केंद्र प्रायोजित समग्र शिक्षा योजना के तहत शुरू किया गया है।
चूंकि निपुण भारत मिशन हाल ही में खबरों में रहा है, इसलिए यह विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के समसामयिक मामलों के खंड और आईएएस परीक्षा की मुख्य GS-I, GS-II और निबंध भाग के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
NIPUN Bharat Mission 2023
- निपुन भारत पहल को नई शैक्षिक नीति NEP 2020 के एक भाग के रूप में लॉन्च किया गया है।
- निपुन भारत कार्यक्रम का लक्ष्य 3 से 9 वर्ष की आयु के बच्चों की सीखने की जरूरतों को पूरा करना है।
- निपुन भारत की परिकल्पना छात्रों के साथ-साथ उनके स्कूलों, शिक्षकों, माता-पिता और समुदायों को हर संभव तरीके से समर्थन और प्रोत्साहित करने के लिए की गई है, ताकि हमारे बच्चों की वास्तविक क्षमता का एहसास हो सके और देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाया जा सके।
- कार्यक्रम का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि देश में प्रत्येक बच्चा 2026-27 तक ग्रेड 3 के अंत तक बुनियादी साक्षरता और अंकज्ञान प्राप्त कर ले।
- मिशन के लक्ष्य लक्ष्य सोची या मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मकता के लक्ष्य के रूप में निर्धारित किए गए हैं।
लक्ष्य बालवाटिका से ग्रेड 3 तक विकसित किए गए हैं। - लक्ष्य एनसीईआरटी द्वारा विकसित सीखने के परिणामों और अंतरराष्ट्रीय शोध और ओआरएफ अध्ययनों पर आधारित हैं।
इच्छुक उम्मीदवार लिंक किए गए लेख में वार्षिक शिक्षा रिपोर्ट एएसईआर सर्वेक्षण के नवीनतम निष्कर्षों के बारे में भी पढ़ सकते हैं।
NIPUN Bharat Mission की लॉन्चिंग
20 जून 2022 को केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने निर्माण श्रमिकों के लिए निपुण योजना शुरू करने का फैसला किया है। दीनदयाल अंत्योदय योजना के तहत यह योजना संचालित की जाएगी, जिसके माध्यम से एक लाख निर्माण श्रमिकों को प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। इस योजना के शुभारंभ के मौके पर केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने भी योजना के विभिन्न लाभार्थियों से बात की। इस योजना के संचालन से निर्माण श्रमिकों की दक्षता में वृद्धि होगी। ताकि उन्हें रोजगार मिले। रोजगार के अवसर बढ़ाने में यह योजना कारगर साबित होगी। इस योजना के अंतर्गत लगभग 80000 निर्माण श्रमिकों को ऑनसाइट प्रशिक्षण दिया जाएगा।
- इसके अलावा 14000 हितग्राहियों को प्लंबिंग और अन्य व्यवसाय से संबंधित प्रशिक्षण दिया जाएगा। ये सभी कोर्स नेशनल स्किल क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क के तहत संचालित किए जाएंगे। इस योजना के संचालन से देश के लगभग 12000 नागरिकों को दूसरे देशों में रोजगार मिलेगा। इसके अलावा इस योजना के तहत कौशल बीमा भी मुहैया कराया जाएगा। जिसके तहत 3 साल के लिए दुर्घटना बीमा मिलता है। दुर्घटना की स्थिति में इस बीमा के तहत ₹200000 प्रदान किये जायेंगे।
- इसके अलावा निर्माण श्रमिकों को विभिन्न प्रकार के डिजिटल कौशल भी प्रदान किए जाएंगे। अपर सचिव सह मिशन निदेशक की अध्यक्षता में प्रोजेक्ट कमेटी गठित की जायेगी। जिसके जरिए इस योजना पर नजर रखी जाएगी। इस योजना के संचालन में नेशनल रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन और कॉन्फेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया भी भाग लेंगे।
Nipun Bharat Mission: मूलभूत साक्षरता और संख्या ज्ञान क्या है?
आधारभूत साक्षरता और अंकज्ञान वे कौशल और रणनीतियाँ हैं जिनके द्वारा छात्र पढ़ने, लिखने, बोलने और व्याख्या करने में सक्षम होते हैं। बुनियादी साक्षरता भविष्य में शिक्षा पाने का आधार बनती है। वे सभी बच्चे जो ग्रेड तीन तक बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मक कौशल हासिल करने में सक्षम हैं, बाद की कक्षाओं के लिए पाठ्यक्रम पढ़ने के लिए बेहतर ढंग से तैयार हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए शिक्षा मंत्रालय की ओर से स्किल्ड इंडिया स्कीम की शुरुआत की गई है।
NIPUN Bharat Mission के माध्यम से तीसरी कक्षा के छात्रों में बुनियादी साक्षरता और अंकज्ञान का विकास किया जाएगा। ताकि आने वाले समय में उन्हें शिक्षा प्राप्ति में किसी प्रकार की बाधा का सामना ना करना पड़े। इसके अलावा निपुण योजना के तहत निम्न क्षेत्रों पर भी ध्यान दिया जायेगा।
- विद्यालय शिक्षा
- शिक्षक क्षमता निर्माण
- उच्च गुणवत्ता और विविध छात्र और शिक्षक संसाधनों/अध्ययन सामग्री का विकास
- शिक्षा आदि की दिशा में बच्चों की प्रगति की निगरानी करना।
Short Details of NIPUN Bharat Mission 2023
योजना का नाम | NIPUN Bharat Mission |
योजना का प्रकार | केंद्र सरकार योजना |
आरम्भ की तिथि | 5 जुलाई |
आधिकारिक वेबसाइट | https://www.education.gov.in/en |
निपुण भारत गाइडलाइन्स | यह क्लिक करे |
NIPUN Bharat Mission का उद्देश्य
निपुण भारत योजना का मुख्य उद्देश्य छात्रों में बुनियादी साक्षरता और अंक ज्ञान का विकास करना है। इस योजना के माध्यम से वर्ष 2026-27 तक तीसरी कक्षा के अंत तक छात्र को पढ़ना, लिखना और अंकगणित सीखने की योग्यता प्राप्त होगी। बच्चों के विकास के लिए यह योजना बहुत कारगर साबित होगी। निपुण भारत योजना के माध्यम से अब बच्चे समय रहते बुनियादी साक्षरता और अंक ज्ञान का ज्ञान प्राप्त कर सकेंगे। ताकि उनका मानसिक और शारीरिक विकास हो सके।
निपुन भारत, शिक्षा और साक्षरता विभाग द्वारा संचालित किया जाएगा। यह योजना स्कूल शिक्षा कार्यक्रम समग्र शिक्षा का हिस्सा होगी। नई शिक्षा नीति के तहत इस योजना की शुरुआत की गई है। निपुण भारत योजना के माध्यम से बच्चे संख्याओं के तर्क, मापन और आकार क्षेत्र को भी समझ सकेंगे।
NIPUN Bharat Mission आधारभूत साक्षरता तथा संख्यामकता के प्रकार
मूलभूत भाषा एवं साक्षरता
- मौखिक भाषा का विकास
- धवनियात्मक जागरूकता
- डिकोडिंग
- शब्दावली
- रीडिंग कंप्रीहेंशन
- पठन प्रवाह
- प्रिंट के बारे में अवधारणा
- लेखन
- कल्चर ऑफ रीडिंग
मूलभूत संख्यामकता और गणित कौशल
- पूर्व संख्या अवधारणाएं
- नंबर एंड ऑपरेशन ऑन नंबर
- गणितीय तकनीकें
- मापन
- आकार एवं स्थानिक समाज
- पैटर्न
NIPUN Bharat Mission का कार्यान्वयन
वर्ष 2026-27 तक निपुण भारत योजना के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए राज्य स्तर पर अलग-अलग लक्ष्य निर्धारित किए जाएंगे। इन सभी लक्ष्यों की प्रगति पर नोडल विभाग द्वारा नजर रखी जायेगी। इसके अलावा समग्र शिक्षा के तहत राज्य को इस योजना के क्रियान्वयन के लिए वित्तीय एवं तकनीकी सहायता भी प्रदान की जाएगी। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा अपने लक्ष्य हासिल करने के लिए योजनाएं बनाई जाएंगी। ताकि वर्ष 2026-27 तक बुनियादी साक्षरता एवं अंकज्ञान का लक्ष्य प्राप्त किया जा सके।
राष्ट्रीय स्तर, राज्य स्तर और जिला स्तर पर आईटी आधारित संसाधनों के माध्यम से इस योजना की गतिविधियों की निगरानी की जाएगी। जिसमें मैदानी स्तर पर बच्चों की निगरानी भी शामिल होगी। इसके अलावा, इस योजना के अंतर्गत प्रस्तावित निगरानी ढांचे को दो प्रकारों में बांटा गया है। जो वार्षिक निगरानी सर्वेक्षण और समवर्ती निगरानी है।
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Nipun Bharat Mission: छात्रों की बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मकता में सुधार के लिए शैक्षणिक दृष्टिकोण
छात्र के सीखने पर ध्यान:-
हमारे देश में बहुत से ऐसे छात्र हैं जो पहली पीढ़ी के शिक्षार्थी हैं। ऐसे सभी विद्यार्थियों के लिए शिक्षा प्राप्त करना कठिन होता है। क्योंकि उन्हें घर में पढ़ाई का माहौल नहीं मिल पाता है। इसलिए शिक्षकों को विद्यार्थियों पर अतिरिक्त ध्यान देने की आवश्यकता है। शिक्षक द्वारा शिक्षा प्रदान करते समय निम्न बातों का ध्यान देना आवश्यक है।
- लड़कों और लड़कियों से सम्मान और उचित अपेक्षाएँ दिखाएं।
- लिंग-मुक्त किताबें, चित्र, पोस्टर, खिलौने आदि का चयन करना।
- शिक्षकों को कक्षा में बात करते समय लैंगिक पक्षपातपूर्ण वक्तव्य देने का प्रयास नहीं करना चाहिए।
- ऐसी कहानियों और कविताओं का चयन जिनमें लड़कियों और लड़कों को सामान्य भूमिकाओं में प्रस्तुत किया जाता है।
- शिक्षार्थियों को उनकी रूचि का अनुसरण करने के लिए प्रोत्साहित करना।
स्कूल मॉड्यूल:
स्कूल शिक्षा की गुणवत्ता और समानता सुनिश्चित करने में एक बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। विद्यार्थी को विद्यालय भेजने के लिए विद्यार्थी के पास न्यूनतम कौशल और ज्ञान होना चाहिए। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत 3 महीने का स्कूली तैयारी का मॉड्यूल रखा गया है। जिससे बच्चे प्री स्कूल शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे और खुद को स्कूल जाने के लिए तैयार भी कर सकेंगे।
सीखने का आकलन:
शिक्षा के माध्यम से छात्र विभिन्न प्रकार की नई चीजें सीखता है। जिससे बच्चों का शारीरिक एवं मानसिक विकास होता है। इस विकास का आकलन करने के लिए आकलन किया जाता है। ताकि विद्यार्थी की सफलता को ट्रैक किया जा सके। इस आकलन को करने के लिए विभिन्न तकनीकों का उपयोग किया जाता है। ताकि छात्र की रुचियों और प्राथमिकताओं की पहचान की जा सके। इसके अलावा बच्चों के प्रदर्शन का आकलन कर उन्हें हस्तक्षेप के माध्यम से तैयार किया जा सकता है और यह भी सुनिश्चित किया जा सकता है कि बच्चों को सीखने में कोई कठिनाई नहीं हो रही है और ऐसी कठिनाइयों को पहचान कर उन कठिनाइयों को दूर किया जा सकता है।
NIPUN Bharat Mission के भाग
निपुण भारत योजना को सरकार ने 17 भागों में विभाजित किया है। ये पार्ट कुछ इस तरह है-
- परिचय
- मूलभूत भाषा और साक्षरता को समझना
- मूलभूत संख्यामकता और गणित कौशल
- योग्यता आधारित शिक्षा की ओर स्थानांतरण
- शिक्षा और सीखना: बच्चे की क्षमता और विकास पर फोकस करें
- लर्निंग एसेसमेंट
- शिक्षण -अधिगम प्रक्रिया: शिक्षक की भूमिका
- स्कूल की तैयारी
- राष्ट्रीय मिशन: पहलू एवं दृष्टिकोण
- मिशन की सामरिक योजना
- मिशन कार्यान्वयन में विभिन्न हितग्राहीको की भूमिका
- SCERT और DIET के माध्यम से अकादमिक साहित्य
- दीक्षा का लाभ उठाना: डिजिटल संसाधनों का भंडार
- माता पिता एवं सामुदायिक जुड़ाव
- निगरानी और सूचना प्रौद्योगिकी ढांचा
- मिशन की स्थिरता
- अनुसंधान, मूल्यांकन एवं दस्तावेजी करण की आवश्यकता
NIPUN Bharat Mission योजना का परिचय
यह योजना राष्ट्रीय शिक्षा नीति के सफल क्रियान्वयन के लिए सरकार द्वारा शुरू की गई है। इस योजना के माध्यम से बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मकता पर ध्यान दिया जाएगा। ताकि वर्ष 2026-27 तक हर बच्चे में तीसरी कक्षा के अंत तक पढ़ना, लिखना और अंकगणित सीखने की क्षमता प्राप्त हो सके। निपुन भारत के कार्यान्वयन के लिए, सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में एक 5-स्तरीय प्रणाली स्थापित की जाएगी। यह 5 स्त्रीलिंग प्रणाली अंतरराष्ट्रीय-राज्य-जिला-ब्लॉकजेड स्कूल स्तर पर संचालित होगी। इस योजना का संचालन शिक्षा मंत्रालय करेगा। निपुण योजना का पूरा नाम नेशनल इनिशिएटिव फॉर प्रोफिशिएंसी इन रीडिंग विथ अंडरस्टैंडिंग एंड न्यूमेरसी है।
कुशल भारत योजना के राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य
- शिक्षा पर बहुत ध्यान दें
- शिक्षा की गुणवत्ता पर फोकस
- बच्चों के सीखने के परिमाण पर ध्यान केंद्रित करें
- सीखने के आयाम की उपलब्धि मापना
मूलभूत साक्षरता और अंकज्ञान पर राष्ट्रीय मिशन
शिक्षा की गुणवत्ता बनाए रखने और बुनियादी साक्षरता के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति और अंतरमणनिर्भर भारत अभियान के तहत बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मकता पर एक राष्ट्रीय मिशन स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। इस मिशन के लक्ष्य को 2026-27 तक हासिल कर लिया जाएगा। जिसके माध्यम से प्रत्येक बच्चे को ग्रेड 3 के अंत तक मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मक ज्ञान प्रदान किया जाएगा। इस राष्ट्रीय लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सभी जिला स्तरों पर हर संभव प्रयास किया जाएगा। इस मिशन के तहत 3 साल से 9 साल तक की उम्र के बच्चों को शामिल किया जाएगा। इस मिशन का संचालन समग्र शिक्षा के तहत किया जाएगा।
निपुन भारत मिशन योजना के तहत मूल भाषा और साक्षरता की समझ
बच्चों के लिए भाषा और साक्षरता की बुनियादी समझ होना बहुत जरूरी है। जिससे वह भविष्य में बेहतर शिक्षा प्राप्त कर सके। एनसीईआरटी द्वारा एक सर्वेक्षण किया गया था। जिससे पता चला कि पांचवीं कक्षा तक शिक्षा प्राप्त करने के बाद भी बच्चे समझ से पाठ नहीं पढ़ पा रहे हैं। इसे ध्यान में रखते हुए निपुण भारत योजना के तहत साक्षरता की बुनियादी भाषा और समझ पर ध्यान देने का निर्णय लिया गया है। जिससे बच्चे आने वाले समय में समझ कर शिक्षा प्राप्त कर सकें। इस योजना से शिक्षा की गुणवत्ता में भी सुधार आएगा।
निपुण भारत मिशन: मूल भाषा और साक्षरता की आवश्यकता
- शुरुआती वर्षों में भाषा, साक्षरता और गणितीय कौशल की एक मजबूत नींव विकसित करना ताकि वे भविष्य में बेहतर शिक्षा प्राप्त कर सकें।
- छात्रों के मस्तिष्क के विकास में प्रारंभिक साक्षरता विकास की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
- मथुरा पायलट परियोजना के निष्कर्षों के एक भाग के रूप में, छात्रों को मूलभूत भाषा और साक्षरता प्रदान करने के बाद, बच्चे समझ के साथ पढ़ सकते थे।
- बच्चों के मस्तिष्क का 85% विकास 6 वर्ष की आयु तक हो जाता है, जिसके कारण उन्हें प्रारंभिक बुनियादी भाषा और साक्षरता प्रदान करना बहुत आवश्यक है।
निपुण भारत मिशन: आरंभिक भाषा और साक्षरता
भाषा सिर्फ बोलना, सुनना, पढ़ना और लिखना ही नहीं है। भाषा के माध्यम से एक व्यक्ति संवाद कर सकता है, विचार दुनिया का बोध करा सकता है। शुरुआती स्तर पर छात्रों को भाषा की समझ होना बेहद जरूरी है। भाषा को समझने के लिए अगले भाग को समझना जरूरी है।
- पढ़ने और लिखने की समझ
- कक्षा में लेखन की अवधारणा
- प्रारम्भिक शिक्षा काल में आकस्मिक लेखन, पारंपरिक लेखन एवं लेखन रचना के माध्यम से लेखन कौशल का विकास करना
Nipun Bharat Mission: आधारभूत भाषा और साक्षरता के मूल घटक
- मौखिक भाषा का विकास
- रीडिंग कंप्रीहेंशन
- प्रिंट के बारे में अवधारणा
- लेखन
- शब्दावली
- धावनी के माध्यम से जागरूकता
- डिकोडिंग
- पढ़ने का प्रभाव
- पढ़ने की संस्कृति
भाषा एवं साक्षरता विकास को बढ़ाने के लिए कुछ जरूरी कदम
- एक प्रिंट समृद्धि वातावरण बनाना
- ऊंचे स्वर में पढ़ना
- कहानियां एवं कविताएं सुनना, बताना और लिखना
- सॉन्ग एंड राइम्स
- अनुभव साझा करना
- ड्रामा और रोल प्ले
- पिक्चर रीडिंग
- शेयर ट्रेडिंग
- कक्षा की दीवारों का उपयोग करना
- अनुभव आधारित लेखन
- मिड डे मील
Nipun Bharat Mission: मूल संख्या और गणित कौशल
बुनियादी संख्या ज्ञान और गणित कौशल दैनिक जीवन में समस्याओं को हल करने के लिए तर्क करने और संख्यात्मक अवधारणाओं को लागू करने की क्षमता को दर्शाता है। छात्रों में संख्या बोध और स्थानिक समझ का विकास तब होता है जब वे निम्नलिखित कौशलों को प्राप्त कर लेते हैं।
- मात्राओं की समझ
- कम या अधिक तथा छोटे या बड़े की समझ विकसित करना
- किसी एकल वस्तु और वस्तुओं के समूह के बीच संबंध स्थापित करने की क्षमता
- मात्राओं को दर्शाने के लिए प्रतियों का उपयोग करना
- संख्याओं की तुलना करना आदि।
प्राथमिक गणित कौशल की आवश्यकता
- दैनिक जीवन में तार्किक चिंतन और तर्कशक्ति का विकास करना
- संख्या और स्थानिक समझ का दैनिक जीवन में उपयोग
- शुरुआती वर्षों के दौरान गणितीय नींव का महत्व
- रोज़गार और घरेलू स्तर पर मूल संख्या ज्ञान का योगदान
प्रारंभिक गणित के प्रमुख घटक
- फ्री नंबर अवधारणाएं
- नंबर एंड ऑपरेशन ऑन नंबर
- आकार एवं स्थानिक समझ
- माप तोल
- पैटर्न
- डाटा संधारण
- गणितीय संचार
बुनियादी गणितीय कौशल बढ़ाने के लिए शैक्षणिक प्रक्रिया
- सहयोगात्मक शिक्षा प्राप्त करना
- बच्चों की गलतियों को समझना
- गणित को आनंद ले कर पढ़ना
- गणितीय रूप से संचार करना
- गणित को अन्य विषयों के साथ जोड़ना
- गणित को दैनिक जीवन के साथ एकीकृत करना आदि।
निपुण भारत मिशन: क्षमता आधारित शिक्षा की विशेषताएं
- योग्यता आधारित शिक्षा बच्चों को अनूठा अनुभव देगी।
- क्षमता-आधारित शिक्षा के माध्यम से सीखने की स्पष्ट और मापनीय मात्रा प्राप्त की जा सकती है।
- योग्यता-आधारित शिक्षा में, रचनात्मक मूल्यांकन के माध्यम से यह पता लगाया जाता है कि शिक्षा प्राप्त करने में छात्र को कहाँ कठिनाई हो रही है।
- योग्यता आधारित शिक्षा के माध्यम से आलोचनात्मक सोच और समस्या समाधान के दृष्टिकोण को भी विकसित किया जा सकता है।
निपुण भारत 2023 के हितधारकों की सूची
1. | CBSE (सेंट्रल बोर्ड ऑफ़ सेकेंडरी एजुकेशन) |
2. | राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश (States & UTs) |
3. | स्टेट काउंसिल ऑफ़ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग |
4. | सेंट्रल स्कूल आर्गेनाइजेशन |
5. | नेशनल काउंसिल ऑफ़ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग |
6. | मुख्य शिक्षक |
7. | कम्युनिटी एवं पैरेंट |
8. | डिस्ट्रिक्ट इंस्टिट्यूट ऑफ़ एजुकेशन एंड ट्रेनिंग |
9. | ब्लॉक रिसर्च सेंटर तथा क्लस्टर रिसोर्सेज सेंटर |
10. | डिस्ट्रिक्ट एजुकेशन ऑफिसर एवं ब्लॉक एजुकेशन ऑफिसर |
11. | सिविल सोसाइटी आर्गेनाइजेशन |
12. | प्राइवेट स्कूल |
13. | गैर सरकारी संगठन (Non Government Organization) |
Quick Links
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Official Website | Click Here |
FAQs about Nipun Bharat Mission 2023
निपुन भारत का पूरा नाम क्या है?
इस मिशन का पूरा नाम National Initiative For Proficiency in Reading with Understanding & Numeracy है।
Nipun Bharat Mission की शुरुआत कब हुई?
निपुण भारत योजना को शिक्षा विभाग द्वारा 5 जुलाई 2021 को शुरू किया गया।
निपुण भारत योजना का मुख्य उद्देश्य क्या है?
प्री-स्कूल (ग्रेड-3) के 4 से 10 वर्ष की आयु के छात्रों को आधारभूत साक्षारता और सांख्यात्मकता ज्ञान प्रदान कर उन्हें लिखना, पढ़ना व अंकगणित करने की क्षमता में सुधार करना है।
निपुण भारत मिशन प्रमुख कंपोनेंट्स क्या हैं ?
डाटाबेस धारणा, विज्ञान संबंधी संचार, लेखांकन, कांचटोल, नंबर और अक्षर पर संचालन आदि, और मूल भूत भाषा एवं साक्षारता केमौखिक भाषा को विकास, रीडिंग कॉम्प्रिहेंशन, राइटिंग, शब्दावली, डिकोडिंग आदि है।