Bihar Jati Janganana 2023: दोस्तों अगर आप बिहार राज्य के निवासी हैं तो आज का यह आर्टिकल आपके लिए बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण है क्योंकि आप में से बहुत सारे लोगों को इसके बारे में पता भी नहीं होगा तो दोस्तों आपको बता दें कि बिहार में Bihar Jati Janganana 2023 शुरू हो चुका है और अभी इस जनगणना का प्रथम चरण शुरू किया गया है और इस प्रथम चरण में क्या-क्या किया जाएगा फिर उसके बाद अगले चरण में क्या-क्या होगा हर एक जानकारी हमने इस आर्टिकल में आपको बता रखी है। तो इस आर्टिकल को पूरा जरूर पढियेगा।
आपको बता दें कि प्रथम चरण की कार्यवाही 7 जनवरी 2023 से शुरू किया गया है जो कि 21 जनवरी 2023 तक चलने वाला है और जैसे ही प्रथम चरण की रिपोर्ट तैयार हो जाएगी दूसरे चरण को भी शुरू कर दिया जाएगा तो हर एक जानकारी प्राप्त करने के लिए आप हमारे वेबसाइट बिहार हेल्प पर विजिट कर सकते हैं।
What is Bihar Jati Janganana 2023
सभी नागरिकों को बिहार जाति जनगणना में अपने-अपने धर्म की जातियों और उपजातियों की गणना करना अनिवार्य है।
इस बिहार जाति जनगणना से हम देश की जनसंख्या के बारे में जानेंगे। साथ ही यह जानकारी भी मिलेगी कि देश में बिहार जाति जनगणना जनगणना शुरू हो चुकी है। इसके तहत प्रथम चरण में मकान नंबरिंग व संक्षिप्त मकान सूची तैयार करने का कार्य किया जाएगा।
इसके तहत प्रथम चरण का बिहार जाति जनगणना दिनांक 07-01-2023 से 21-01-2023 तक पूरा किया जायेगा। इसके पहले हिस्से में आपको पहचान से जुड़ी डिटेल्स भरनी होंगी। इसके साथ ही दूसरे स्टेप में आपको हाउस लिस्ट डिटेल्स भरनी है। इन दोनों स्टेप्स में आपको कई तरह की जानकारियां भरनी होंगी। इसके अलावा बेघर परिवारों के लिए पार्ट 3 जोड़ा गया है। बिहार जाति जनगणना जिसके बारे में पूरी जानकारी नीचे विस्तार से दी गयी है।
Short Details of Bihar Jati Janganana 2023
Post name | Bihar Jati Janganana 2023| Bihar Caste census 2023 |
Post date | 07/01/2023 |
Post type | Jati Janganana |
Start Date | 07/01/2023 |
Last Date | 21/01/2023 |
Janganana Mode | Offline |
Official website | https://state.bihar.gov.in/main/CitizenHome.html |
बिहार जाति जनगणना 2023 कैसे होगा ?
- पहले मकानों की गिनती होगी
- इसके बाद सभी घरों को यूनिक नंबर दिया जाएगा।
- अगर किसी घर में 2 परिवार अलग-अलग रहते हैं तो उनके अलग-अलग यूनिक नंबर जेनरेट होंगे।
- एक अपार्टमेंट के सभी फ्लैटों पर अलग-अलग नम्बर होंगे।
- जाति जनगणना प्रपत्र पर परिवार के मुखिया के हस्ताक्षर करना अनिवार्य होगा।
- राज्य से बाहर काम करने गए परिवार के सदस्यों की भी जानकारी देनी होगी।
- जाति गणना में उपजातियों की गणना की जायेगी
- 1 फरवरी से परिवारों की आर्थिक स्थिति के बारे में भी जानकारी जुटाई जाएगी।
- प्रखंड में उपलब्ध सुविधाओं जैसे रेल लाईन, तलाव स्कूल एवं डिस्पेंसरी आदि की भी जानकारी प्राप्त की जायेगी.
- जनगणना के काम में लगे कर्मियों के ऊपर ‘जाति आधारित जनगणना 2022’ लिखा होगा।
तो इस तरह से Bihar Jati Janganana 2023 की जाएगी।
Bihar Caste census 2023 की कुछ मुख्य बातें
बिहार में जाति जनगणना कराने पर सहमति नीतीश कुमार के शासन काल में बनी थी और जनगणना का काम भी पूर्व में घोषित तारीख 7 जनवरी से शुरू हो गया है। इस गणना का नफा-नुकसान भविष्य में है, लेकिन एक बात तय है कि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की लंबे समय से प्रतीक्षित मांग को आखिरकार लागू कर दिया गया है। यानी आसान शब्दों में कहें तो राजद ने जाति जनगणना शुरू कर अपनी पहली रणनीतिक जीत हासिल कर ली है। क्योंकि जब नीतीश कुमार बीजेपी के साथ एनडीए सरकार में थे, तब राजद के तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार से यह मांग की थी।
इसके बाद नीतीश कुमार ने पीएम नरेंद्र मोदी के पास सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजा। जातिगत जनगणना की प्रासंगिकता पर भाजपा के नेता भले ही सवाल उठा रहे हों, लेकिन उस समय दिल्ली के पीएम से मिलने गए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में भाजपा के सदस्य भी शामिल थे। बाद में तेजस्वी यादव ने कोरोना काल की समाप्ति पर नीतीश कुमार से मुलाकात की और जातिगत जनगणना की मांग की। इसे इस रूप में भी देखा जा सकता है कि अगर नीतीश कुमार बीजेपी छोड़कर राजद के नेतृत्व वाले महागठबंधन में शामिल हो जाते हैं, तो जाति जनगणना को लेकर तेजस्वी यादव की सीएम से आमने-सामने की मुलाकात इसका सबसे बड़ा आधार बनी।
500 करोड़ रुपये के खर्च से दो चरणों में जातिगत जनगणना होगी
7 जनवरी से शुरू हुई जातिगत जनगणना दो चरणों में पूरी की जाएगी। राज्य सरकार इस पर 500 करोड़ रुपए खर्च करेगी। केंद्र के मना करने के बाद बिहार सरकार अपने खर्च पर जनगणना करा रही है। जातिगत जनगणना को लेकर नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा है कि नीतीश कुमार लालू प्रसाद की राह पर चलकर बिहार में जातिगत उन्माद फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। बिहार में जिस तरह से शराबबंदी फेल हुई है, उसी तरह जातिगत जनगणना भी फेल हो जाएगी। सिन्हा ने कहा कि आजादी के 75 वर्ष बीत चुके हैं। जाति जनगणना की जरूरत किसी को समझ नहीं आई।
केंद्र सरकार हर वर्ग के लोगों के लिए कई तरह की कल्याणकारी योजनाएं चला रही है। बापू, जेपी, लोहिया जैसे लोगों ने जातिविहीन समाज का सपना देखा था, लेकिन आज नीतीश कुमार उस रास्ते पर चलने के बजाय बिहार में जाति उन्माद पैदा करने के रास्ते पर चल पड़े हैं। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार बिहार में जातिगत जनगणना करवाएं, लेकिन यह भी बताएं कि क्या 500 करोड़ रुपये खर्च होने का फायदा बिहार की जनता को मिलेगा। बीपीएससी, बीएसएससी और शिक्षक प्रत्याशियों पर बरसे जा रहे लाठियों को सुलझाने के बजाय जाति के नाम पर समाज को आपस में लड़ाने के लिए जाति जनगणना की जा रही है।
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दूसरे चरण में क्या होगा?
दूसरे चरण में 1 से 30 अप्रैल तक लोगों से जाति गणना समेत 26 तरह की जानकारियां ली जाएंगी। राज्य से बाहर रह रहे लोगों के नाम भी दर्ज किए जाएंगे। इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी डीएम को निर्देश भेज दिए हैं। बता दें कि अगले 15 दिनों तक घरों पर नंबर अंकित करने का कार्य किया जाएगा।
वार्ड के आधार पर होगी सभी परिवारों की गिनती
अंक चिन्हित करने के बाद गणना कार्य में लगे कर्मी वार्ड के आधार पर परिवारों की गणना करेंगे। निचले स्तर पर इस कार्य में टोला सेवक, तालीमी मरकज, ममता, आशा कार्यकर्ता, जीविका दीदियां, शिक्षक, कृषि समन्वयक, मनरेगा कार्यकर्ता, रोजगार कार्यकर्ता एवं विकास मित्र की सेवाएं ली जाएंगी।
बिहार जाति जनगणना को यह सभी जानकारी भरनी होगी
बिहार में जाति आधारित जनगणना (भाग 1)
- पहचान संबंधी विवरण
- जिले का नाम, कोड संख्या
- प्रखंड नगर निकाय का नाम, कोड संख्या
- पंचायत का नाम, कोड संख्या
- वार्ड नं. , कोड नं.
- गणना ब्लॉक संख्या, गणना ब्लॉक संख्या ,
बिहार जाति आधारित गणना (भाग-2)
- भवन का नंबर
- घर का नंबर
- जिस उद्देश्य के लिए घर का इस्तेमाल किया जा रहा है
- परिवार का आकार
- घर के मुखिया का नाम
- परिवार में सदस्यों की कुल संख्या
- परिवार सीरियल नंबर
- दौर की तारीख
- घर के मुखिया के हस्ताक्षर
बिहार जाति आधारित जनगणना (भाग 3)
- स्थान विवरण
- परिवार संख्या
- परिवार सीरियल नंबर
- परिवार में कुल सदस्यों की संख्या
- बेघर परिवार के मुखिया का नाम
- घर के मुखिया के हस्ताक्षर
नोट:- जनगणना के लिए ऊपर दी गई कुछ जानकारी परिवार द्वारा भरी जाएगी और कुछ जानकारी आवेदन अधिकारियों के माध्यम से भरी जाएगी।
बिहार जाति आधारित गणना को लेकर आधिकारिक सूचना जारी कर दी गई है। इसमें इन गणनाओं के संबंध में तिथि भी दी गई है। समस्त गणना कर्मी जो गणना कार्य हेतु नियुक्त किये गये हैं। अपनी नियुक्ति से संबंधित प्रगणना/उपगणना प्रखंड सीमा के भीतर भ्रमण करेंगे तथा संक्षिप्त मकान सूची तैयार करने के संबंध में निर्धारित तरीके से उपयुक्त प्रगणना प्रखंड में निवास करने वाले सभी परिवारों की संगठित जानकारी तैयार करेंगे।
FAQs about Bihar Jati Janganana 2023
बिहार में कितनी जाति की जनसंख्या है?
हिंदू आबादी में 17% ऊंची जातियां, 51% ओबीसी, 15.7% अनुसूचित जातियां और लगभग 1% अनुसूचित जनजातियां शामिल हैं। मोटे तौर पर यह कहा जाता है कि बिहार में 14.4% यादव समुदाय, कुशवाहा यानी कोईरी 6.4%, कुर्मी 4% है। भूमिहार 4.7%, ब्राह्मण 5.7%, राजपूत 5.2% और कायस्थ 1.5% उच्च जातियों में हैं।
जाति के आधार पर जनगणना कब की गई?
हालांकि पहली जनगणना 1881 में हुई और उसके बाद हर 10 साल में जनगणना होती रही, लेकिन 1931 के बाद जाति के आधार पर जनगणना के आंकड़े नहीं निकले। 1931 के बाद 1941 में जाति आधारित जनगणना की गई, लेकिन इसके आंकड़े सार्वजनिक नहीं किए गए।
बिहार में जाति आधारित जनगणना कब होगी?
इसके तहत प्रथम चरण की मतगणना दिनांक 07-01-2023 से 21-01-2023 तक पूर्ण कर ली जायेगी। इसके पहले हिस्से में आपको पहचान से जुड़ी डिटेल्स भरनी होंगी। इसके साथ ही दूसरे स्टेप में आपको हाउस लिस्ट डिटेल्स भरनी है। इन दोनों स्टेप्स में आपको कई तरह की जानकारियां भरनी होंगी
जाति के आधार पर जनगणना कब की गई?
हालांकि पहली जनगणना 1881 में हुई और उसके बाद हर 10 साल में जनगणना होती रही, लेकिन 1931 के बाद जाति के आधार पर जनगणना के आंकड़े नहीं निकले। 1931 के बाद 1941 में जाति आधारित जनगणना की गई, लेकिन इसके आंकड़े सार्वजनिक नहीं किए गए।
बिहार में पहली बार जनगणना कब हुई थी?
बिहार में पहली बार 1872 ई. में जनगणना हुई थी।
जनगणना किस प्रकार की जाती है?
शिक्षकों को सामान्यतः जनगणना कराने की जिम्मेदारी दी जाती है, जो घर-घर जाकर परिवार के सदस्यों की संख्या, आयु, व्यवसाय, शिक्षा आदि की जानकारी निर्धारित प्रपत्र में दर्ज करते हैं। और सरकार द्वारा निर्धारित समय सीमा के भीतर संबंधित कार्यकाल में जमा करवाएं।